इंदौर(कीर्ति राणा) । शहर में आए दिन कथा-प्रवचन-भंडारे तो होते रहते हैं लेकिन हैप्पी स्वामी की बातें एक तरह से ठहाकों का भंडारा था। लगा नहीं किसी संत को सुन रहे हैं, अहसास होता रहा अपने घर का कोई बुजुर्ग तीर्थाटन के बहुत दिनों बाद अपने बीच आया है और […]

नई दिल्ली. अक्टूबर 20, 2018. सबरीमाला में अय्यप्पा भगवान के भक्तों पर जिस तरह की बर्बरता और गुंडागर्दी केरल पुलिस द्वारा की गई उसकी देशभर के संतों ने धोर निंदा की है. मार्क्सवादी सरकार द्वारा हिंदुओं की आस्था पर प्रहार तथा शांतिपूर्ण ढंग से सत्संग कर रहे भक्तों पर उसके द्वारा […]

नई दिल्ली. अक्टूबर 12, 2018. माँ गंगा के अनन्य भक्त व उसके गंगत्व के लिए सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले श्री जी डी अग्रवाल के देवलोक गमन पर विश्व हिन्दू परिषद् ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उन्हें एक महान पर्यावरणविद, विचारक, वैज्ञानिक तथा सच्चा गंगा भक्त बताया है. अपनी […]

जम्मू | डोगरी एवं हिंदी भाषा के युवा बाल साहित्यकार,  लघुकथाकार, कथाकार, कवि, आलोचक,लेखक, अनुवादक, भाषाविद्, सांस्कृतिककर्मी एवं समाजसेवी यशपाल निर्मल को उनके साहित्यिक योगदान के लिए तथागत कला-संस्कृति संस्थान, इटावा, सिद्धार्थनगर , उत्तर प्रदेश की ओर से अंतर्राष्ट्रीय तथागत सृजन सम्मान 2018 से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। […]

इंदौर | भारत की संस्कृति से भाषा, पर्व, समाज जैसा ही जुड़वा है रंगोली कला का भी | उक्त उदगार मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने आर्टजूका आर्ट एवं कला स्कूल में आयोजीत रंगोली प्रतियोगिता के विजेताओं के पुरस्कार वितरण के आयोजन में कही | […]

(काव्यधारा पीयूष के साथ काव्यधारा रत्न सम्मान भी मिला) दौसा।  3अक्टूबर,18 को रामपुर शिवांश होटल एण्ड रेस्टोरेंट, साई काम्प्लेक्स रामपुर मे दौसा निवासी कवि कृष्ण कुमार सैनी”राज को साहित्य के क्षेत्र में *काव्यधारा-पियूष और काव्यधारा-रत्न सम्मान* से सम्मानित किया गया। *सैनी की साहित्य में बढ़ती हुई रूचि और सहभागिता के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।