(काव्यधारा पीयूष के साथ काव्यधारा रत्न सम्मान भी मिला) दौसा।  3अक्टूबर,18 को रामपुर शिवांश होटल एण्ड रेस्टोरेंट, साई काम्प्लेक्स रामपुर मे दौसा निवासी कवि कृष्ण कुमार सैनी”राज को साहित्य के क्षेत्र में *काव्यधारा-पियूष और काव्यधारा-रत्न सम्मान* से सम्मानित किया गया। *सैनी की साहित्य में बढ़ती हुई रूचि और सहभागिता के […]

डोगरी एवं हिंदी भाषा के युवा बाल साहित्यकार,  लघुकथाकार, कथाकार, कवि, आलोचक,लेखक, अनुवादक, भाषाविद्, सांस्कृतिककर्मी एवं समाजसेवी यशपाल निर्मल को उनके साहित्यिक योगदान के लिए के. बी. साहित्य समिति (पंजी0) बदायूं, उत्तर प्रदेश की ओर से डा. रघुवंश स्मृति सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। इस बात […]

बन रहा हिन्दी प्रसार के लिए सूचना तंत्र, हिन्दी आन्दोलन को मिलेगा बल #राजनैतिक दलों के आई टी सेल की तरह हिन्दी के लिए काम करेगा सूचना प्रौद्योगिकी प्रकल्प इंदौर । मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए किए जा रहे आन्दोलन को गति देने व हिन्दी […]

शहर के युवा रचनाकार और शायर डॉ वासिफ क़ाज़ी के काव्य संग्रह अदीब का विमोचन 29 सितंबर को झीलों के शहर भोपाल में वरिष्ठ साहित्यकारों की गरिमामय उपस्थिति में किया गया । डॉ वासिफ क़ाज़ी के इससे पूर्व भी दो काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं , जिन्हें पाठकों की […]

पंचकुला (हरियाणा) | बोहल शोध मंजूषा के सम्पादक व गुगनराम एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष एडवोकेट नरेश कुमार सिहाग जी द्वारा लिखित पुस्तक ‘राधे मोहन राय की साहित्य साधना’ का भव्य विमोचन पंचकुला में प्रो.राधे मोहन राय जी, पंजाब के पूर्व राज्यपाल ले. जरनल श्री बी. के. एस. छिब्बर, पूर्व जज […]

सरस्वती साधकों का हुआ उज्जयिनी में सम्मान लेखन और सृजन में सृजन महत्वपूर्ण होता है – डॉ. रामराजेश मिश्र साहित्य सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय ही लिखा जाना चाहिए– डॉ विकास दवे साहित्य मनुष्य को खंड खंड में नहीं पूर्णता में दिखाता है–राजकुमार राजन उज्जैन  ( म.प्र. ) लोकभाषाएँ लोकरंजानाओं की और ले जाती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।