बहुसंख्यकों के बीच में अल्पसंख्यकों का वतन की सर्वोच्च आसंदी पर आसीन हो जाना हिन्दुस्तान की सरजमीं के अलावा कहीं दीगर मयस्सर नहीं है। जाके देखिए,उन मुल्कों में जहां अल्पसंख्यकों के लिए नुमाइंदगी तो छोड़िए मर्जी से जीना तक बमुश्किल है। यह हिन्दुस्तान की गंगा-जमना तहजीब की सीख है कि […]

आजादी के पहले गुलामी एक मुसीबत थी,१५ अगस्त १९४७ के बाद आजादी एक समस्या बन गई,बेबसी कि आज भी हम आजाद देश के गुलाम नागरिक हैं। व्यथा सत्ता बदली है व्यवस्था नहीं, स्वाधीन देश में रोटी-कपड़ा-मकान-सुरक्षा और दवाई-पढ़ाई-कमाई पराधीन होने लगी। यह सब मोहलतें,सोहलतें और जरूरतें कब अधीन होगी। इसी […]

बेलगाम बढ़ती आबादी एक विश्वव्यापी समस्या है, खासतौर पर अविकसित और विकासशील देशों के लिए यह और भी अधिक गंभीर है। विशेषतः भारत में वृद्धि और विकास को हानि पहॅुंचाते हुए तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या परेशानी का सबक बन चुकी है। उधेड़बुन में हम १.३० अरब हो चुके हैं। […]

भारतीय संसद इस बात का प्रमाण है कि,हमारी राजनीतिक व्यवस्था में जनता सबसे ऊपर है,जनमत सर्वोपरि है। भारत दुनिया का गुंजायमान,जीवंत और विशालतम लोकतंत्र है। यह मात्र राजनीतिक दर्शन ही नहीं है,बल्कि जीवन का एक ढंग और आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य है। भारत का संविधान पूर्ण रूप से कार्यात्मक […]

भारत दुनिया का चलायमान महान लोकतंत्र है। संसदीय प्रणाली इसकी मूल आत्मा और सांसद शरीर हैं, जिनके निर्वाचन की बागडोर विश्व के सबसे बड़े चुनावी निकाय भारतीय निर्वाचन आयोग के कंधे पर होती है,जिसे वह निष्पक्षता के साथ पर्यन्त निभाते आया है। चाहे वह चुनावी घोषण-पत्र में मुफ्त चीजों के […]

जल हमें प्रकृति से विरासत में मिला एक अमूल्य संसाधन है। यह पृथ्वी पर पाए जाने वाले समस्त प्राणियों तथा पादपों के जीवन का मुख्य आधार है,इसीलिए जल को जीवन कहा गया है। जहॉं जीवन है वहॉं जल तथा वायु की आवश्यकता को कदापि नकारा नहीं जा सकता है। पेड़-पौधे,जीव-जन्तु […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।