तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है / और तू मेरे गांव को गँवार कहता है / ऐ शहर मुझे तेरी औक़ात पता है / तू चुल्लू भर पानी को भी वाटर पार्क कहता है // थक गया है हर शख़्स काम करते करते // तू इसे अमीरी का बाज़ार […]

बच्चों की आवश्यकताएँ  सर्वव्यापी है , जहाँ उन्हें ज्ञान देने की आवश्यकता है , वही उन्हें सम्मान देने की भी आवश्यकता हैं| उन्हें संस्कारी बनाना है तो उसे सुविचारी भी  बनाना है , उन्हें परम्परा और परिपाटी से परिचित   कराना है तो स्वयं करने और सीखने के मौके को  भी  […]

आज मुझे मॉ की बहुत याद आई मेरे घर बिल्ली अपने बच्चे को दबा लाई, बहुत डराया बहुत भगाया पर ना मानी छुपा आंचल में छोटा सा छौना देख हमें गुर्राई मां तब तुम मुझे बहुत याद आई आंगन के अमरुद पेड़ पर बना नींद चिड़ियों ने रक्खा तिनका तिनका […]

आज बारहवीं बोर्ड का परिणाम घोषित होने वाला था । घड़ी का कांटा जैसे जैसे आगे बढ़ रहा था , रमेश का दिल भी उसी तेजी से धड़क रहा था । अनजानी आशंका से उसकी हिम्मत टूटती जा रही थी , पर परिणाम जो भी आए , उसका सामना तो […]

मात यशोदा का लाल कन्हैया, मेरा प्यारा छौना हैं। लाड लडाती लाल को अपने, मोर मुकुट सम सोना हैं।। आज जमाना हमसे रूठा, भारत कहता बात यही। मात कन्हैया को साथ लिटाये, बिछा के लाल बिछौना हैं।। #नीतेन्द्र सिंह परमार ‘भारत’ परिचय : नीतेन्द्र सिंह परमार का उपनाम-भारत है। डी.सी.ए. के […]

देश की संस्कारधानी कोलकाता पर गर्व करने लायक चीजों में शामिल है फुटपाथ पर मिलने वाला इसका बेहद सस्ता खाना। बचपन से यह आश्चर्यजनक अनुभव हासिल करने का सिलसिला अब भी बदस्तूर जारी है । देश के दूसरे महानगरों के विपरीत यहां आप चाय – पानी लायक पैसों में खिचड़ी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।