वो सुंदर सी छरहरी देह की गौर वर्णीय लड़की थी। औसत थी पढ़ाई में। माँ कहती-बेटों को चाहे जितना पढ़ा लीजिए,पर विभूति को नहीं। अनिमेष पढ़ने में बहुत होशियार नहीं था,फिर भी इंजीनियरिंग कर ही ली थी। जिद करके विभूति भी डॉक्टर बन ही गई थी। वह शोध के लिए […]
लघुकथा
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