भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है और लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मानी जाती है। लोकतंत्र के एक ऐसे स्तंभ रूप में,जिसके बिना लोकतांत्रिक व्यवस्था की कल्पना ही नहीं की जा सकती। मीडिया को यह  सम्मान यूं ही नहीं मिला है,बल्कि उसे इस सम्मान […]

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सतरंगी सपनों की दुनिया, आज लगे बेमानी.. अपने ही जब गैर बने, तो दुनिया लगे बेगानीll रस्ते चलते साथी मिलते, कितने जाने पहचाने.. वक्त पड़े इनका जब देखो, बन जाते अंजानेll हैं मतलब के यार सभी, न इनको करना याद कभी.. जो पल में साथ बनाए कहीं, पर साथी पर […]

करता हूं अनुरोध आज मैं,भारत की सरकार से, प्रतिभाओं को मत काटो,आरक्षण की तलवार सेl वर्ना रेल पटरियों पर जो,फैला आज तमाशा है, जाट आन्दोलन से फैली,चारों ओर निराशा हैl अगला कदम पंजाबी बैठेंगे,महाविकट हड़ताल पर, महाराष्ट्र में प्रबल मराठा,चढ़ जाएंगे भाल परl राजपूत भी मचल उठेंगे,भुजबल के हथियार से, […]

मैं किसान हूं और कोलिया(डिडवाना राजस्थान)गाँव से हूँ,इसलिए हमें ‘मारवाड़ी’ कहा जाता है। हमारा गाँव अपने मतिरो(तरबूज)के लिए प्रसिद्ध है। जब मैं छोटा था,तब इंदौर रहने के कारण गर्मी की छुट्टियों में ही गांव जाते थे। मेरे गाँव के किसान व दादाजी फसल के अंत में मई महीने में तरबूज(मतिरो)खाने […]

हम अपने देश के विकास के लिए आयकर देते हैं। पिछली सरकार के 10 वर्षों में और पहले की भी कई सरकारों के कार्यकाल में बहुत से भ्रष्टाचार के मामले सामने आए। इन भ्रष्टाचारियों द्वारा लूटा गया पैसा हम सबने देश का विकास करने के लिए आयकर के रुप में जमा […]

वृद्घों-विधवाओं की एक मात्र सहारा पेंशन है, पर इसमें होती दलाली जो बहुत बड़ी टेन्शन है। मैं तो कहता हूँ इन दलालों की बवालबाजी बन्द करो, पेंशन बनवाने में होने वाली तिकड़मबाजी बन्द करो। ये दलाली होती है बैंकों और दलालों की साठगांठ से, उसी पेंशन से ये दलाल जीते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।