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एक पीपल जिसे मैं सालों से देखती रही अकेला ! चुप, शांत और दु:ख से तड़फते हुए कंपकपातें होठ बोलना चाहते हो अपनी हजारों ख्वाहिशें कभी- कभी वो विद्रोह पर उतरता है और हिला देता है अपनी शाख -शाख , पत्ते मचल उठते हैं, मचा देते हैं शोर डालियों से […]

मैं तेरी प्रतिबिंब हूँ , अक्श हूँ सुन माँ । तेरे ही कदमताल की पहचान हूँ । आवाज हूँ तेरी मेरी धड़कनें मेरी जान सबकुछ अमानत है माँ तेरी । मेरे शब्दों में समायी है बस धुन तेरी । तन में बहता लहू का हर कतरा है तेरा । मैं […]

ज़ख्मों को मेरे जैसे दवा लगी है, मैं शायर नहीं मगर हवा लगी है। क्या दस्तूर हो गया मेरे शहर का साहिल, कीमती लिबासों में भी नंगी है लड़कियाँ। मुझे जन्नत वाजिब हो गई यकीनन, मैं माँ को कभी रूठने नहीं देता। यूँ मुन्तसिर हो के कुछ हासिल न हुआ […]

म् –  म्लेव् (पूजा करना) पूजनीया आ-  आगमन(बच्चे का जन्म) ँ   चन्द्र बिन्दु में बिन्दु बच्चे का प्रतीक है और चन्द्रमा माँ का प्रतीक है यानी ँ (चन्द्र बिन्दु) माँ की गोद में बच्चे का प्रतीक है ।         #रिखबचन्द राँका परिचय: रिखबचन्द राँका का निवास जयपुर में हरी […]

तेरे कदमों पे आहिस्ता छनकती है तेरी पायल चूमता है तेरे पैरों को सर से सरकता आँचल। तेरे कदमों पे आहिस्ता छनकती है तेरी पायल। उलझकर तुझमे रह जाती नज़र जो तुझपे टिकती है जब चलती है तू बलखाकर मेरी तबियत बिगड़ती है। तेरे कदमों पे आहिस्ता छनकती है तेरी […]

आत्मचिंतन करते रहिए स्वयं को अच्छा बनाते रहिए बुराई कोई न रहे अपने में ऐसा प्रयास करते रहिए आत्मचिंतन से स्वयं को बदले प्रभु चिंतन से युग को बदले दोनो ही बदलाव करते रहिए स्वयं व युग को बदलते रहिए तरक्की का आधार यही है चिंतन का प्रकार यही है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।