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राजनीतिक मजबूरी कहिए या भाजपा के विरोध की विकृत मानसिकता,या यह भी कह लीजिए कि हिन्दुत्व के साथ-साथ जमीर भी मर चुका है। आज जब सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण की भगवान श्रीकृष्ण पर की गई टिप्पणी पर एक तरफ भाजपा तो दूसरी ओर कांग्रेस ने इनके खिलाफ शिकायत […]

प्यारी बिटिया अविका,       बहुत आशीर्वादl          तुमने कल वीडियो कॉलिंग द्वारा अपने आधुनिक घर और ऑफिस का पूरा अत्याधुनिक समान दिखाया। मन खुश हो गया-सचमुच कितनी सुविधाएं हैं आजकल,हमारा जमाना कुछ और था। तुम तो आधुनिक युग में पैदा हुई हो। तुम्हें तो बहुत […]

हम अपने देश के विकास के लिए आयकर देते हैं। पिछली सरकार के 10 वर्षों में और पहले की भी कई सरकारों के कार्यकाल में बहुत से भ्रष्टाचार के मामले सामने आए। इन भ्रष्टाचारियों द्वारा लूटा गया पैसा हम सबने देश का विकास करने के लिए आयकर के रुप में जमा […]

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पढ़ाई पूरी करने के बाद एक छात्र किसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने की चाह में साक्षात्कार देने के लिए पहुंचा। छात्र ने बड़ी आसानी से पहला साक्षात्कार पास कर लिया..। अब अंतिम साक्षात्कार कंपनी के डायरेक्टर को लेना था। डायरेक्टर को ही तय करना था,कि उस छात्र को नौकरी […]

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क्या गति कर डाली है हिन्दी की हिंदुस्तान में, क्षत-विक्षत हो हिन्दी रोती इंग्लिश के कूड़ेदान में। इंग्लिश यहाँ संभ्रांतों की अब भाषा समझी जाती है, हिन्दी हर एक सभा में अब जाने से कतराती है। पहन मातृभाषा का चोला दर-दर की ठोकर खाती है, गैरों की है क्या बिसात,अपनों […]

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महिला दिवस आते ही पुरुषों का घड़ियाली आंसू बहाना शुरू हो जाता है। कविता,लेख,कहानी आदि-आदि द्वारा स्त्रियों के लिए सम्मान की भावना अचानक तूफान बन कहाँ से टूट पड़ती है कि, नारी तुम देवी हो,तुम सृष्टि की रचयिता हो, तुम्हारे बगैर कुछ भी सम्भव नहीं है वगैरह-वगैरह…। समझ नहीं आता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।