सत्ता-साम्राज्य से तंग जरूरत की बातें उलझनों में है भाईचारे की बातें। वादे-इरादे भूल गए याद रही बस अपनी-अपनी सौगात की बातें। मर्जी है न अर्जी है न खुशखबरी है याद है बस बदला लेने की बातें। मुक्कदर लड़ता नही रोजगार मिलता नहीं चौक चौराहो पर सिर्फ आरक्षण की बातें। […]