डॉ. वेदप्रताप वैदिक गुजरात के स्कूलों में 5 जी की तकनीक के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमाल कर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री की हैसियत से ‘अंग्रेजी की गुलामी’ के खिलाफ जो बात कह दी है, वह बात आज तक भारत के किसी प्रधानमंत्री की हिम्मत नहीं हुई […]

आप सभी से साझा करते हुए हर्ष हो रहा है की मध्य प्रदेश हिंदी माध्यम में चिकित्सा शिक्षा प्रारंभ करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। ये हम सभी के लिए गर्व का विषय है। स्वराज अमृत महोत्सव वर्ष में गुलामी की मानसिकता को छोड़ आत्मगौरव के […]

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ देश की माटी का गौरव, समाज का अस्तित्व, जन का मान, सर्वहारा वर्ग की चिन्ता, हर तबके का विशेष ख़्याल, भाषाई एकता और अखण्डता के बीच हिन्दी की स्वीकार्यता, राष्ट्र की आज़ादी के रण के नायक, नेतृत्वकर्ता, सत्यवादी, मितव्ययी, स्वावलम्बी, समरस और सर्वहितैषी, राजनीति की कलुषता […]

‘इश्क़’ शब्द से शुरू हुई एक कहानी, न जाने कितने रिश्तों को जन्म देती है। कहानी के मूल में कोई तत्त्व है तो वह प्रेम, भाव, स्नेह, प्रीत, मोह है। इसी मोह के धागे से बँधा जीवन नेहल होता है। प्रेम आत्मा के मनोभावों को परमात्मा तत्त्व से एकाकार करता […]

शिखा अर्पण जैन, इन्दौर आधुनिक युग में बहुत सारी समस्याओं का सामना हमें करना पड़ रहा है, उसमें सबसे बड़ी समस्या है यातायात की समस्या। ये कुछ लोगों के लिए समस्या नही होगी, पर आप अगर महानगरों की बात करें जैसे दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरू, इंदौर तो यहाँ यातायात की सुगमता […]

◆ शिखा अर्पण जैन, इंदौर शब्द बदलें, काम बदला, तारीख़ बदली, साल बदला, केलेण्डर बदलें, युग बदला, पर कही कुछ आज भी बदलने से रह गया है तो वह है समाज की सोच। कहते हैं आज हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं पर हमारा सोचने का तरीका बिल्कुल अट्ठारवीं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।