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हाथ से छूकर, महसूस किया.. कितना खुरदुरापन है, इन हाथों में। वो नजाकतें वो कोमलता, ना जाने कहां खो गई.. मां सिर्फ फौलाद बन कर रह गई। याद है मुझे, वो नाजों-सी कंचन काया.. जो छूते ही मैली होती थी मां कह लिपट जाता था.. पर वो प्रफुल्लित रहती थी। […]

रातें आजकल.. आंतकी…. पथरीली और जहरीली भी हो चली, इन्हीं रातों की सुखद हवाएँ.. अचानक ही बैचेन करती, तीली सुलगाती…। दूभर जीना सहती, कांपती धड़कनें.. रोज सुनाती साँसें कैसा अनायास भय, एक चीत्कार… माहौल नया बनाती जिएं तो कैसे ..? मुश्किल बड़ी…। कब तलक रोके कोई चलती राहों का यूँ […]

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हरा गाउन पहने हुए नंगे पैर,सिर ढँका हुआ,यह कौन चला जा रहा है वो भी इस वीरान रेगिस्तान में.. वो भी इतनी रात को। उस शख्स को दूर से देखा,स्पष्ट कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था,पर इतनी रात को ऐसी जगह पर कोई क्यों आया है ? उत्सुकतावश उसका […]

‘एहसास’ की सातों नायिकाएं आज बहुत खुश थी। सभी के सुझावों से उनके जीवन में उमंग,उत्साह,उल्लास और ऊर्जा का नया रंग आया है, तो आइए जानते हैं बदलाव के चमकते रंगों को.. पहली नायिका ‘सुनिधि’ ने अब तय किया है कि, वो घर-परिवार के साथ-साथ अपनी खुशियों का भी ख्याल […]

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अगस्त 2005 की बात है,जब यह अनुभव मैंने जिया। कुछ महीने पहले ही मेरी शादी हुई थी। शाम का आसमान गहरे भूरे रंग के बादलों से भरा हुआ था। ऐसा लगता था कि, किसी भी क्षण उनका धीरज बस टूटने ही वाला है और बरस पड़ेंगे। चारों ओर अँधेरा-सा छाया […]

Editing and enhancing AND PROOFREADING. Lower price Courses: The Need For Instructions Editing and enhancing AND PROOFREADING: TWO Very Different Points Its not uncommon that individuals make use of the conditions enhancing and proofreading interchangeably. In reality, they’re two totally different things. Proofreading concentrates on spelling, grammatical problems, formatting concerns, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।