1

वक्त की आंधी में न जाने कितने लोग बह रहे हैं, अपनी सांसों को फिजूल ही अलविदा कह रहे हैं। रोज घटनाओं के काले पन्ने अखबारों में दिखाई देते हैं, छोटी-छोटी बातों में भी बिना सोचे जहर पी लेते हैं। तनावों की परिधि में रहकर अपने भीतर शैतान जगा देते […]

1

जहाँ में आई एक नन्हीं सी कली थी, सभी की नूर थी नाजों से पली थी। हंसती -खिलखिलाती सभी को प्रिय थी, गृहलक्ष्मी का नाम संग में लिए थी। घर से कदम बढ़े,कुछ आगे चली थी, लड़खड़ाते कदमों से वह गिर पड़ी थी। चलना जब सीखी स्कूल पहुँची थी, ये […]

जन्मभूमि का मामला, फिर से भरे उफान.. योगी तुम भी देख लो, उबले हिंदुस्तान। उबले हिंदुस्तान, विरोधी को समझाओ.. सीधी अंगुली यार, इसे मत टेढ़ी कराओ। कह सुरेश टूटेगा बबुवा, अगर तनेगा.. राम जहाँ जन्मे, मंदिर तो वहीं बनेगा।।                       […]

2

आज भी रोज की तरह सुप्रिया काम कर रही है। बाहर बारिश हो रही है और अब उसके पढ़े-लिखे पति यानी श्री वर्मा की पीएचडी के कारण उम्र निकल जाने से एक निम्न घर की लड़की सुप्रिया(खुद)से विवाह होता है। वो हर रोज सुप्रिया को ताना मारते हैं और खुद […]

विधाता ने पहली बार किसी बेटी को बनाया होगा, मानव निर्माण के लिए धरती पर छोड़ने आया होगा। उस दिन विधाता भी सारी रात नहीं सोया होगा, बेटी की जुदाई में पूरी रात खूब रोया होगा। कई जन्मों के पुण्योदय से बेटी का जन्म होता है, इसीलिए कन्यादान बहुत बड़ा […]

1

मेरी प्यारी-प्यारी मां, सब रिश्तों से न्यारी मां। जन्म दिया इसने मुझको, मुझको पाला-पोसा है.. लाख गलतितों पर भी, कभी न दिल से कोसा है। मेरे सुख में हंसे-हंसाय, मेरे दुःख में रोती है.. कठिन मुसीबत में भी, कभी न धीरज खोती है। न तो ऐसी न तो वैसी, पूरी-पूरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।