साथ तेरे मैं कैसे रहूंगी सदा, प्रीत में उलझनें तो बहुत देखी हैं, कैसे बरखा करूँ जुल्फ की छाँव की.. तोड़ दूँ बेड़ियां  किस तरह पाँव  की, बात करते हो मधुवन की तुम तो सदा.. मैंने आँखों के सावन बहुत देखे हैं। साथ,कैसे बन्द प्रीत की खिड़कियाँ खोल दूँ, तुझपे  […]

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बुधवार आधी रात को, भारतीय सेना ने  जबाव दिया आतंकवाद को। पीओके  की जद में सैनिक थे हरकत में। १५० सैनिकों का समूह, आतंकी ठिकाने  ७ किए नेस्तेनाबूत। उरी हमले में  १९ जवानों को हमने गंवाया था, इस हादसे ने पूरे देश को खून के आँसू रुलाए थे। मोदी ने […]

पैगाम… प्रीतम के पते पर भेजा, तो बादल डाकिया बन आ गया वृष्टिपत्र लेकर। प्रीतम ने जो लिखा प्रेम का अक्षर-अक्षर। बारिश की बूंदों में झरा वो झर झर झर ……। बूँदों का स्पर्श पाकर, काया में सिहरन हुई। आज फिर विरह में तड़पकर, प्रेमाग्नि चेतन हुई। मीठा-मीठा दर्द उठ […]

सकल  गरल  धर,जगत  प्रगत  कर, प्रबल  तमस  हर,भव  भय मन तर। जल थल  गगन व ,अनल पवन सब, प्रलय  हरत   कह,बम-बम  हर-हर। सतत  जपत  मन ,प्रणव  नवल तप, लय  मन  नभ तन,रजत  वदन धर। सरल  मलय  बन,हसद  अपनयन, नयन गवन कर,अभय  वरद  झर॥             […]

ये कैसा दर्द दिया,मेरी मौत को शर्मसार किया, माना तुम नौजवान थे,जांबाज थे बहुत ये क्या कर दिया नाजुक-सी ककड़ी को हाथों से मसल दिया। मैं गुड़िया नाजुक-सी,नन्हीं कली दुलारी मां-बाप की,लाड़ली भाई की अपने। जाती थी पाठशाला होकर बहुत खुश, दिन उस भी कह मां को गई आती हूँ […]

  आसमां का कतरा जो पिघला तो पिघलकर बून्द बन गया, और आसमां से बिछुड़कर धरती से मिल गया.. पर आसमान से धरती तक का उसका सफ़र बड़ा अजीब था, वही बिछुड़ा उससे जो सबसे उसका अज़ीज़ था.. एक नई दुनिया में उसे जाना है अनजाने रिश्तों की गाँठ में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।