उसने कभी जीने की मिसाल नहीं देखी, जिंदगी किसी कोने से खुशहाल नहीं देखीl छुपाती रही इज्जत फटे कपड़ों की गुदड़ी में, उस लड़की ने सही-सलामत रुमाल नहीं देखीl लड़ते देखा है कुत्तों से बासी रोटी के पीछे, गहरा काला निशां है उसकी आँखों के नीचेl भूख से तिलमिलाती गुर्रा […]

बदलता वक्त हूँ, जाने मेरा अंजाम क्या होगा, सुनाई दे रहे नामों में मेरा नाम क्या होगा ? यहां बिकती सभी चीजें हैं जिनका मोल लाखों में, बना अनमोल फिरता हूँ तो मेरा दाम क्या होगा ? निकल पड़ता हूँ, नदियों में समंदर भी मिले तो क्या, अभी जो है […]

कब कहाँ किसी की भी अर्जियाँ समझती हैं, बिजलियाँ गिराना बस बिजलियाँ समझती हैं। गर पकड़ में आई तो पंख नोचे जाएंगे, बाग़ की हकीकत सब तितलियाँ समझती हैं। पहले दाने डालेगा फिर हमें फँसाएगा, चाल यह मछेरे की मछलियाँ समझती हैं। फ़्लैट कल्चर आया है जब से अपने शहरों […]

ऋषि-मुनियों की संस्कृति त्याग-तपस्या और आत्मज्ञान, आत्म साक्षात्कार सविवेक रखते सभी धर्म की टेक, यथावत् मर्यादा व्यवहार टिका उस पर सद् व्यवहार, हमारी आश्रम व्यवस्था का यही तो था आधार, ब्रह्मचर्य वानप्रस्थ सन्यास अर्थ संचय से रहते दूर, अर्थ ही अनर्थ की जड़ है मठाधिपति बने अर्थ के गढ़ है। […]

  सड़कों पर उमड़ा जनसमुदाय लाखों की तादात में नर-नारी, आस्था के अथाह सागर में डूबने को तत्पर, किसी को मारकर या मरकर, बचाने अपने भगवान को, अब भगवान को बचाने के लिए भक्तों की जरूरत पड़ने लगी है, तर्क पर अंधभक्ति भारी पड़ने लगी है। भगवान कटघरे में है, […]

हिन्दी प्रतिष्ठापन के लिए हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को पत्र लिखा गया हैl इसका विषय-हरियाणा सरकार के मंत्रालयों,विभागों,कार्यालयों,संगठनों आदि की ‘वेबसाइटें’ हिन्दी में न होकर अंग्रेजी में होना बताया है। वैश्विक हिन्दी सम्मेलन की तरफ से डॉ.महेशचन्द्र गुप्त(मुख्य परामर्शदाता) ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का २७ जुलाई का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।