पाखंड को मिली सजा देश तनाव में, खुसर-फुसर हो रही थी मेरे  गांव में। कौन सच्चा-कौन झूठा पहचान हो कैसे, हम माथा रख देते चमत्कारी पाँव में। पार करेगें हमें वो कहते तो यही थे, बस इसलिए बैठे हम उनकी नाव में। नाम भी था काम भी पैसा बहुत ही, […]

साहित्य से इतर कुछ भी नहीं पढ़ा मैंने, जब टटोला अक्षरों को अक्षरों की ध्वनियों को, जीवन का प्रारंभ माँ से हुआ, और अन्त भी ‘म’ मृत्यु से ही होगा जीवन का सत्य यही है, शेष सब भ्रमित अस्तित्वहीन क्षणिक खुशियाँ, विचलित करती भटकाती हैं, मगर सत्य को न झुठला […]

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एक तराना सुनाएं नवगीत का, नया  जहां बसाएं हम प़ीत का। बहुत सो लिए उठो भी दोस्तों, अब कदम बढ़ाएं हम जीत का। मिटाकर हर  नफरत चमन से, स्वागत करें हम नई  रीत का। जो देश और धर्म की करें सेवा, चेहरा पहचानें हम सच्चे मीत का। मिटाएं धरा से […]

जब कभी आता है बादल, दिल को हर्षाता है बादलl कोयल चकवा हर्षाते हैं, मोर नचवाता है बादलll धरती सूखी करे पुकार, कर वर्षा करें उपकारl आज मेंढक भी टर्राते हैं, प्रकृति नया करे श्रृंगारll मयूर हो गया है पागल, जब कभी आता है बादलl तन गोरी अंगड़ाई आती, बादल […]

एक दिन फरियाद मेरी सुनकर प्रकट हुए भगवान, बोले मांग अपनी मर्ज़ी की एक चीज ऐ इंसान। बहुत हुआ मैं खुश,लगा सोचने क्या माँगूं जो कर दे मेरी ज़िंदगी आसान, याद आए कुछ अधूरे सपने,पूरा करने के थे जिनके अरमान। पैसा,कार या बंगला? क्या माँगूं जो पाकर मैं बन जाऊं […]

न किसी से कुछ कह सकती, न किसी से कुछ बता सकती। काश़ ! आवाज दी होती परमात्मा ने, तब, कुछ तो दर्द बयाँ कर पाती। भर जाता दूध जब गाय के स्तन में, पुकारती बछड़े को अपने,लगा लेती थन में। वह रमाती,हुँकारती,अपने बछड़े को निहारती, बछड़ा भूखा होगा,सोचकर उसे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।