सृष्टा की नरम कल्पना नारी, सॄष्टा की ओर चाहना नारी। सृष्टा की आराध्या नारी, सॄष्टा मन भावना नारी॥ मानव मन की अर्चना नारी, नित्य प्रति उपासना नारी। जीवन की है भूमि नारी, सुंदर मन की उर्मि नारी॥ एक हवा का झोंका नारी, मृगतृष्णा-सा धोखा नारी। रौरव नर्क द्वार है नारी, […]

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तुम्हें अच्छी नहीं लगती, पक्षियों की स्वच्छंद उड़ान क्योंकि-तुम, उड़ ही नहीं सकते। तुम्हें भाता नहीं है, पक्षियों का निडर होकर चहकना, क्योंकि-तुम जहाँ गंभीर हो, वहाँ महज़ दिखावा है। तुम्हें पसंद नहीं आता, पक्षियों का कतारवद्ध अनुशासन, क्योंकि-तुम जहाँ पर सख्त़ हो,वहाँ साम्राज्य है तुम्हारे ही अड़ियल स्वभाव का। […]

चाह नहीं है देवों की सी सुबह-शाम पूजा जाऊं। इतनी-सी चाह इस दिल की, मानव का मैं सम्मान पाऊँ॥ चाह नहीं है इतनी भी कि ‘रमा’ मेरी दीवानी बने। इतनी-सी चाह इस दिल की, ‘लक्ष्मी’को मैं शीश नवाऊँ॥ स्वर्ग मुझे भी मिले,यह भी अब चाह नहीं है मुझे। इतनी-सी चाह […]

जो सत्ता में बैठा है, उसका गरूर लाजमी है, खुदा नहीं है वो मगर, थोड़ा सरूर लाजमी है। नादां है वो, जो खुद को बादशाह समझता है, चुनें न जो हम उसे, उसकी फकीरी लाजमी है। हम बहुत कमजोर हैं, ये तो मालूम है हमें, कह दो उससे,उसका डरना जरूर […]

वर्षा बीता शरद ऋतु आई, चली ठंडी-ठंडी हवा पुरवाई| खिले दूर-दूर तक फूल कास के, हरियाली धरती की मांग सजी|   और प्रकृति अपनी अलौकिक सुंदर, रूप की छटा लिए खिल उठीl  शरद ऋतु के इसी मौसम में, झर-झर झरे शिवली के फूल भीl शिवली के फूलों की मनमोहक सुगंध, और कास […]

मैं वो तूफां हूँ कि, आसमां झुका दूंगा ऐ नापाक पाकिस्तान तुझे, कब्रिस्तान बना दूंगा। मां भारती का बेटा हूँ, सर पे कफन लेता हूँ ऐ नादां पाकिस्तान, चेतावनी तुझे देता हूँ। गर भारत को तू कभी, वक्र नजर से देखेगा कभी इस जमीं पर, नापाक कदम धरेगा। हस्ती तेरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।