देवी शैलपुत्री मातु राष्ट्र संकटों में..आज शत्रु का कुचक्र मातु चूर-चूर …कर दे। भर दे अजेय शक्ति,राष्ट्र भक्ति…बालकों में,कायरों की भीरुता समूल दूर… कर दे॥ मुख्य राष्ट्रधारा से जो अलग…थलग हुए, शुद्ध बुद्धि दे के मातु उन्हें शूर … कर दे। ‘अरविन्द’ निज लाल के समक्ष…शत्रुओं को,घुटना तू टेकने को […]
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तुम्हें अच्छी नहीं लगती, पक्षियों की स्वच्छंद उड़ान क्योंकि-तुम, उड़ ही नहीं सकते। तुम्हें भाता नहीं है, पक्षियों का निडर होकर चहकना, क्योंकि-तुम जहाँ गंभीर हो, वहाँ महज़ दिखावा है। तुम्हें पसंद नहीं आता, पक्षियों का कतारवद्ध अनुशासन, क्योंकि-तुम जहाँ पर सख्त़ हो,वहाँ साम्राज्य है तुम्हारे ही अड़ियल स्वभाव का। […]