कैसे दूँ शरण मैं निर्दोष मानव के हत्यारों को, कैसे मरने दूँ इनके हाथों देश के पहरेदारों को। आज जो शरण मांग रहे,कल वो अपना अधिकार मांगेंगे हमारी मातृभूमि पर,ये बँटवारा रुपी खंजर चलाएंगे,                                  […]

बद-से-बदतर हो रहे,निर्धन के हालात। सुरसा-सी बढ़ने लगी,मँहगांई दिन-रात॥ सूरज नया उगा रहे, मचा-मचाकर शोर। लोकतंत्र को लूटते, लोकतंत्र के चोर॥ रोता आँसू खून के, है मजदूर-किसान। मातम करते खेत हैं,मरघट से खलिहान॥ राजपथों तक ही सदा,सिमटा रहा विकास। पगडंडी की पीर का,किसको है अहसास॥ लगी पेट की आग ने,दिया […]

पुलिस की वर्दी का ऐसा खौफ भी हो सकता है क्या? यह प्रश्न परेशान किए हुए है। जो घटना देखने-पढ़ने में आई है,वह यह कि इंदौर के विजयनगर थानाक्षेत्र स्थित कृष्णबाग कॉलोनी में रात में दो पुलिसकर्मी किसी रमेश नामक व्यक्ति का मकान तलाश रहे थे,वहीं मकान के नीचे रामकिशन […]

चौकी-चूल्हा छोड़ चली है देखो अब भारत की नारी। देशहित में रण में पहुँची है अब भारत की ये नारी॥ बन रानी झांसी की देखो कहर अपना बरपाएगी। कल तक शबनम थी देखो,आज शोला बन झुलसाएगी॥ चली है रण में लिए हौंसला,जलवा नया दिखाएगी। प्रहरी-रक्षक बन ये,अपने लाज वतन की […]

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मेरी तस्वीर को कैद कर लो, मुझे कैद कर लो। मेरे जिस्म को लेकिन, क्या कर सकते हो कैद? मेरे विचारों को अरमानों को, जज़्बातों को मेरे ख्वाबों को, मेरे इरादों को। नहीं जनाब ये, नामुमकिन है और मुझे यकीन भी है, कि एक न एक दिन तुम यकीं करोगे […]

तेरी नशीली आँखों को शराब लिखूंl पुराने खतों को महकता गुलाब लिखूंll झुका दे अपनी पलकें मेरी बांहों में। आ मेरी हर साँस तुम्हारे नाम लिखूंll मेरी रुह में उतरकर कर दे मुझ पर इनायत। बअंदाज दैर में बैठ के तुझे महताब लिखूंll मेरे दिल की हर कु में है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।