रेशम से बाल और गाल गोरे-गोरे लगे, कल्पना में मेरी रति-सी लगती हो तुम। कमर को देखूं तो लगो तुम सरिता-सी, आँख देख मृगनयनी-सी लगती तो तुम। हाथ-पैर तेरे कल्पवृक्ष की शाखा से लगे, बदन को देखूं तो गुलाब लगती हो तुम। अंग-अंग देख के मदहोश होय मेरा मन, चाहत […]