एक रुमाल ने किसी का मन मोह लिया, आपस मे दो युवा टकराए। दोनों को ये क्या हो गया, एक लड़की का रुमाल राह चलते अचानक गिर गया। हमदर्दी के नाते एक युवा ने रुमाल उठाया, इत्तफाक से लड़की भी रुमाल उठाने झुकी। दोनों आपस में टकराए, नजरें मिली,शर्माए। बातें […]

उम्र के जिस पड़ाव का अहसास होता था, उस उम्र को पार कर चुकी हूँ मैं… लगता है थोड़ा बदल चुकी हूँ मैं। जिन रिश्तों से आघात पहुँचा था, उनको अनदेखा करने लगी हूँ मैं… लगता है थोड़ा बदल चुकी हूँ मैं। जिन सखियों का पता खो चुकी थी, उन […]

 (बाल दिवसपर विशेष) प्यारे बच्चों, बहुत-बहुत प्यार,आप सभी को `बाल दिवस` की ढेरों शुभकामनाएं। ये दिन आपके लिए ही बनाया गया है-खूब खेलो,मस्ती करो,साथ ही थोड़ा पढ़ो भी। आप जितने बड़े होते हो,उसी अनुसार दुनिया का आकलन करते हो,जबकि आपके माता-पिता अपनी उम्र और अनुभवों के आधार पर दुनिया देखते […]

इस बार डेंगू ने कमर तोड़ दी है, अगर जाँच कराने पर डेंगू बुखार की पुष्टि हो जाए और प्लेटलेट ४० हज़ार पर भी तो आ जाएं तो घबराइए मत। बस इस सलाह पर अमल करें। इस बार डेंगू का कहर है,डेंगू कैसे होता है,आदि-आदि..यह तो सबको पता है,बेहतर होगा […]

मंजिलों से दूर मुझको कर दिया है आपने, पथ हमारा कंटकों से भर दिया है आपने। मैं जहां एड़ी उठाकर भी पहुंच सकता नहीं, वहां तक झुंझला के मुझको रख दिया है आपने। झोपड़ी में रहते-रहते तीसरापन आ गया, किस जनम की साधना का फल दिया है आपने। जिंदगीभर पत्थरों […]

कल तक माता के आँचल में,बैठ सभी सुख पाते थे। भूखे-नंगे,लावारिस भी,जीवन जीने आते थे॥ कभी वृक्ष रूपी हड्डी को काटा,काम किया अपना। अपने सपनों के चक्कर में,जला दिया माँ का सपना॥ किन्तु आज कुहरे में लिपटी,दिल्ली आहें भरती है। अपने ही बच्चों के कारण,दिल्ली जीती- मरती  है॥ माता यमुना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।