उतरेंगे केवल वही,भवसागर के पार। जीवन भर थामे रहे,जो सत की पतवार॥ अंतस में होते सदा,वे जन ही आसीन। मानव सेवा में रहे,जो श्रृद्धा से लीन॥ बदल सका है कौन कब,नियत समय की चाल। विधिना ने जो लिख दिया,होता है हर हाल॥ लोग वही पाते सदा,जग में अलग मुकाम। ओरों […]

कभी गद्दार उन्हें कहकर गद्दारी नहीं करते, मक्कार उनको कहकर मक्कारी नहीं करते। वो नादां है इतने कि समंदर भी कह उठे, तूफान उनको कहकर तूफानी नहीं करते। हो सकता है मेरी गल्फहमी हो फिर भी, ईमान बिका कहकर बेईमानी नहीं करते॥ हम झूठी शान बताकर सम्मान नहीं करते, सौ […]

सामान्यतः नीतिगत विचारों को,उसके सिद्धान्तों को व्यवहार में अपनाना ही नैतिकता कहलाता है। यह नीतिगत विचार और सिद्धान्त,देशकाल,समय तथा परिस्थितियों के अनुसार सबके लिए अलग-अलग हो सकते हैं। जब इनमें भिन्नता आती है तो उसे अनैतिकता का नाम दे दिया जाता है। विचार करें तो पाते हैं-किसी के लिए भी […]

  धर्मिक दृष्टिकोण से शाकाहार को समझा जाए तो ज्यादातर धर्म हमें प्रत्येक जीवों से प्यार करना ही सिखाता है। सभी धर्मों में `अहिंसा परमो धर्मः` कहा गया है। शाकाहार पर हर धर्म के अलग-अलग विचार हैं- हिन्दू धर्म- हिन्दू धर्म के लगभग हर धार्मिक कार्य में माँसाहार पर पूरी […]

विडंबना है कि,आजादी के सात दशक बाद भी हमारे देश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हो सका है। सरकारी अस्पतालों का तो भगवान ही मालिक हैl ऐसे हालातों में निजी अस्पतालों का खुलाव तो कुकुरमुत्ते की भांति सर्वत्र देखने को मिल रहा है। इन अस्पतालों का उद्देश्य लोगों की […]

ज़माने में सभी से प्यार के रिश्ते निभाने हैं। करें नफ़रत जो वो दस्तूर तो सारे पुराने हैंll बहुत ही खूबसूरत है हमारे देश की धरती, अभी भी इस जमीं पर सैकड़ों मंज़र सुहाने हैंll हमेशा इश्क़ औरत मर्द का ही तो नहीं किस्सा, वतन के प्यार में हमको दिलो-जाँ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।