अदालत के बाहर पुलिस से घिरा शाजिद मौन धारण किए खड़ा था,जैसे उसे मृत्यु बोध का आभास हो। बाहर निकलते ही इरफान साहब को देखते शाजिद चिल्ला उठा-अब्बू आपने ये ठीक नहीं किया।इरफान साहब रुके और शाजिद के पास जाकर-क्या अभी भी तुझे ऐसा लग रहा है कि मैंने ठीक […]

गीत-सी बजती हो कानों में…। मीत-सी लगती हो दिल को, अप्सरा बन रहती हो अरमानों में।                     गीत-सी बजती…ll   कभी साहिर के गीतों-सी, कभी कश्मीरी प्रीतों-सी नदिया-सी मचलती हो, कभी खलिहानों में…।      गीत-सी बजती…ll    कामिनी बन प्रणय […]

न जाने कहाँ जाकर बैठ गया वह प्यारा-सा चांद का टुकड़ा, जिसे मैं दिन और रात अपनी पलकों से निहारता रहता था। जिसके बिना मुझे नहीं मिलता था, सुकून एक पल का। आज मुझे वह फीका-फीका सा लग रहा है चांद। और धीरे-धीरे घट रहा है, अमावस की तरह और […]

नव सृजन करने चली, प्रकृति की अनूठी सौगात उदर में रख नव मास तक सिंचित रक्त से सांसों को, उत्सुक नैना बेचैन धड़कन देखन स्व रचित रचना को मुख देखत पुलकित हर्षाई ममता उमड़ उमड़ कर आई नैनन नीर भरे दर्द सगले बिसराई माँ थी जिसने सुन किलकारी अबोध की […]

क्या रोक पाएगी, विपरीत प्रकृति भी उस जरूरतमंद को? जिसका हौंसला उसकी जरूरत और, लक्ष्य रोटी हो। कहाँ सो पाएगा, वो ठंड से बचने के लिए गर्म रजाई में जब आँगन में चूल्हा ठंडा हो ? कैसे लेगा वो बरसात का आनन्द, जब रात को टपकता है टूटा छप्पर ? […]

अब लबों पर इश्क के तराने नहीं आते। लाख खुदाई करो,मगर खजाने नहीं आते॥ घुटन रह-रहकर सारे किस्से बयां करती। अब नकली चेहरे हमें छुपाने नहीं आते॥ घर के बुजुर्गों को चैन से जी लेने दीजिए। अब शहरों में वो दिन बिताने नहीं आते॥ मतलबपरस्ती में लोग आग लगा रहे। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।