माटी के संग माटी बन खुद माटी में रम जाते हैं, अभिनंदन उन मानस का जो रोटी हमें खिलाते हैं। तपती धूप उन्हें क्या कहती,बादल भी झुक जातें हैं, तूफानों की जुर्रत क्या,वो आकर हाथ मिलाते हैं, ऊसर बीज बने इक पौधा,ऎसे उसे सहलाते हैं। अभिनन्दन उन…॥ बच्चों की किलकारी […]
मंगलसूत्र, वैवाहिकता का सबूत सम्बन्धों को करता मजबूत, रह उपस्थित देते आशीर्वाद देवदूत, देख दृश्य सब रहते अभिभूत, वर्तमान काल में रह खुश भविष्य के सपने संजोते, सच हुए सपने, मिला उन्हें पूत मंगलसूत्र, वैवाहिकता का सबूत। बढ़ती चकाचौंध सम्बन्धों क़ो रौंद, टूटते रिश्ते, सम्बन्ध पिसते स्वप्न रहने का आजाद, […]