नारी नहीं अब अबला , उसकी शक्ति दिखाना है । कहने और सुनने  का , यह रिश्ता पुराना है  । पढ़ी-लिखी होने पर भी. पुरुषों से कम आंकी जाती । दहेज के कारण आज भी, भ्रूण हत्या की जाती  । आंखों में आंसू लेकर, औरों को खुशियां देती। त्याग दया […]

आँखे थकती है फिर भी जगती है एक उम्मीद ही मेरे साथ संघर्ष करती है दुनिया केवल हर्ष में हिस्सा मांगती है उम्मीद ही केवल संघर्ष मे साथ निभाती है आंसू भी मुस्कान बनते जब उम्मीद साथ रहती है रुके कदम बढ़ जाते जब उम्मीद की धारा बहती है तानो […]

आज सारी दुनिया के देश मातृभाषा दिवस मना रहे हैं। 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस क्यों मनाया जाता है ? क्योंकि यूनेस्को ने इसे 1999 में मान्यता दी थी। 21 फरवरी को इसलिए मान्यता दी गई क्योंकि इसी दिन 1952 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के नौजवानों ने अपनी मातृभाषा […]

झूठ,बेईमानी,मक्कारी में हो रहे कुछ लोग मालामाल सत्य,ईमानदारी,सादगी में भले लोग हो रहे रोज बेहाल चोंकिए नही इसका दोषी है कलियुग का महाकाल गधे पजरी खा रहे है बौद्धिक बजा रहे सिर्फ गाल इस कलियुग के प्रभाव से अब तो मुक्ति पानी होगी जो विकार घेरे है हम सबको उनको […]

जाडे का निशीथ समय कडाके की ठंड घना कुहासा पंछी भी घोसले से बाहर नहीं निकल रहे थे। ठिठूरती जा रही थी हाड-माँस-पेशियां, शाम का जलाया हुआ अलाव राख हो चुका था। ओढ के काली कम्बल नभ में छुप गयें थें सारे तारे चाँदनी भी आज धरती से बात करने […]

सारी उम्र गुजार दी मैंने उसके जवाब देते देते, अब तू ही बता अ जिंदगी! उसका और कौनसा सवाल बाकी है।। ख़्वाब-ए-हसरत तोड़ी उसने हमेशा से मेरी, अब तू ही बता अ जिंदगी! उसके लिये कौनसा ख़्याल बाकी है।। ताउम्र बचती रही मैं मदिरा के इन प्यालों से, अब तू […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।