दो बिल्लियाँ बड़ी सयानी करती हैं मनमानी अकड़म-बकड़म करती रहती दिन भर करती शैतानी। माँ-बापू समझाकर जाते ऐसा करम न करना देना पड़े हमे संसद में मंहगाई पर धरना। मार रही सरकार हमको घुसपैठी घर के अन्दर ढोल-नगाड़े बजा रहे नाँच रहे मस्त कलंदर। भुखमरी के कारण घरमे पड़ गया […]

अब भी जालिमों की तरफदारी कर रहा है इंसान तू कितना बदल गया हिंदुस्तान तू कितना बदल गया हिंदुस्तान फसलें बर्बाद हो रहीं हैं कारोबार भी चौपट है फिर भी विदेशों में घूम रहा लगता है ये नेता फौकट है कारोबारी कर्जा लेकर भाग रहे खुदकुशी कर रहे किसान तू […]

परमात्मा है पिता हमारे दुख हरते है वे सारे वे स्वयं समान बनाना चाहते विकार जड़ से मिटाना चाहते पवित्रता के वे है हिमायती कमल समान बनाना चाहते पिता से दिल लगाकर तो देखो स्वयं को उनका बनाकर तो देखो जीवन सुखमय हो जायेगा भाग्य स्वयं ही बदल जायेगा।   […]

दिल जाने इस दुनिया में मैंने ,  क्या पाया क्या खोया है। वफ़ा के पथ पर चलकर मेरा ,  दिल भी  जोरों से रोया है।  झूठ की बुनियाद  से उसने ,  खुदगर्जी का महल बनाया। स्वार्थ को दे रिश्ते का नाम ,  वो नींद चैन की सोया है।। फूल बोकर […]

आम आदमी के अच्छे दिन ला दिए वो पुराने वाले दिन याद सबको दिला दिए वाह वाह मोदी जी अच्छे दिन आ गये कहते थे की कांग्रेस की सरकार खराब है बढ़ाया दाम पेट्रोल डीजल का नीयत खराब है अब स्वयं दाम दुगने तुमने बड़ा दिए वाह वाह मोदी जी………… […]

श्री बालकवि बैरागी का जैसा शांतिपूर्ण और गरिमामय महाप्रयाण हुआ, ऐसा कितनों का होता है? ऐसा सौभाग्य बिरलों को ही मिलता है। 87 वर्षीय बैरागीजी का कल अपने गांव मनासा से  नीमच आए, एक कार्यक्रम में भाषण दिया, काव्य-पाठ किया, अपने गांव लौटकर कुछ लोगों से मिले और अपरान्ह में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।