दो बिल्लियाँ बड़ी सयानी करती हैं मनमानी अकड़म-बकड़म करती रहती दिन भर करती शैतानी। माँ-बापू समझाकर जाते ऐसा करम न करना देना पड़े हमे संसद में मंहगाई पर धरना। मार रही सरकार हमको घुसपैठी घर के अन्दर ढोल-नगाड़े बजा रहे नाँच रहे मस्त कलंदर। भुखमरी के कारण घरमे पड़ गया […]