समय का स्वर्णिम रथ चलता है, परिवर्तन के पथ पर  दौड़ता है। समय किसी के लिए नहीं रुकता है, निर्भय निर्बाध गति से चलता है। समय किसी के सामने नहीं झुकता है, अपना मस्तक ऊँचा लिए चलता है। समय का नहीं जानता जो अर्थ, समय उसको कर देता है व्यर्थ। […]

शब्द शब्द हम गढ़ चलते  हैं। शब्द वही पर अर्थ बदलते हैं। लिखकर शब्दों से शब्दों की भाषा, अक्सर हम शब्दों से छल करते हैं । — उस दर्द से न होना खुश तू । उस दर्द की भी थी ज़ुस्तज़ू । सीखा था मुस्कुराना उसने भी , ग़मों की […]

होली का रंग चढ़ने लगा है हर कोई मदमस्त होने लगा है प्रकृति भी खिली खिली दिखने लगी मौसम मे गर्माहट सी होने लगी पर होली पर हुड़दंग ठीक नही है होली पर बदरंगता ठीक नही है होली पर होली रहना जरूरी है बुराईयों से मुक्ति पाना जरूरी है जो […]

रंगो  की  बाग मै  फूल  रंग  का खिलता  है ए  मौका  वर्ष  मैं एक बार,  बसंत मै  मिलता  है….. रंग  गुलाल  से बनती  है हर  घर  मै रंगोली कितना मधुर  कितना  पावन है ए  रंगो  की ए  होली ……….. कहीं  रंग  गुलाल  उड़े कहीं  चले पिचकारी…… कहीं  मीठी पकवान  बने […]

पियाजी मोरे फाग, खेलत छुप छुप के, सैंया जी मोरे फाग खेलत छुप छुप के, मैं फागुनिया रंग में रंग गयी, शरमाऊं घूंघट से………. पियाजी मोरे फाग, खेलत छुप छुप के,   होलीया में उङे गुलाल अबीरा टिमकी ढोलक, झांझ मजीरा चंग की थाप जियरा धङके! पियाजी मोरे फाग, खेलत […]

छोड़ कर बढ गया है कोई,मंजिलों के वास्ते। लाँघकर निकला है कोई,नफरतों के रास्ते। मिट गया है अब घरों में,खौप जो छाया रहा , सो रहे हैं चैन से ,रातों में अब न जागते। खंजरों के खेल से, अब थक चुका है आदमी। मौत के साये से निकल अब जिन्दगी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।