शिल्प ~ [(मगण भगण सगण)+गुरु] प्रति चरण 10 वर्ण चार चरण, दो-दो चरण समतुकांत। यति प्रायः 4,6 वर्ण पर। 222    211   112   2 सीता माँ  के,चरण परूँ मैं। रामा जी का, वरण करूँ मैं।। ध्याऊँ  गाऊँ, कर कर पूजा। ऐसा   नाहीं, प्रभुवर दूजा।।           #नीतेन्द्र सिंह […]

मेरा मेरा क्या करते हो कुछ भी नही है तेरा रिश्ते नाते धन दौलत दिखावे को है तेरा स्वांस जो पानी बुलबुला जब भी फुट जायेगा रिश्ते नाते सब खत्म तू मिटटी ही रह जायेगा दौलत तुम्हारी जहां है वही धरी रह जायेगी अलविदा होते समय मुठठी खुली ही जायेगी […]

पहाडिय़ों की गोद में बसा झारखंड का छोटा सा गाँव, प्राकृतिक सौन्दर्य और हरे-भरे वृक्षों के साथ  मानो मानव का झूम झूम कर स्वागत कर रहे थे।इस गांव के प्राथमिक विद्यालय में उसकी शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई थी।       शहरी चकाचौंध से कोसों दूर ग्रामीण परिवेश […]

इन रिमझिम बारिश कि सिसकियो में मुझे एक और सिसकी सुनाई दे रही है हा,  इन बून्दो कि गपशप मे मुझे एक और झीडकी सुनाइ दे रही है वो किताबे कुछ कहना चाहती है जो मेरी अलमारी मे अस्त व्यस्त पडी है पर कैसे समझु मे उनकी बाते जो मुझे […]

पाकर जो लोग मैल सी धन संपदा भर जाते हैं अहम से इतराते और बल खाते हैं छुद्र नदी सा रह भी जाते हैं फिर, सिमट कर खुद से खुद तक । आता है जब बुरा वक्त हो जाती है अक्सर धन संपदा भी बेमानी तब जो खड़े होते हैं […]

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मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा,  जब मेंने उसको फिर से देखा तो!  मैं एक बार पहले भी उससे मिल चुका था और अब उसे दूसरी बार देख  रहा था !  हम बस में साथ-साथ  बैठकर  गाँव गए थे ! बस में ही  हमारी पहली मुलाकात हुई और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।