मनुज श्रेष्ठ के कर कमलों को लिखने का अधिकार मिला माँ श्वेता का वरदान मिला लेखनी को सम्मान मिला शब्दों को अनुपम जहान मिला उड़ने का अरमान मिला मन पँखों को आसमान मिला । लिखने का अधिकार मिला ।। सपनों को है आकार मिला खुशियों का संसार मिला कल्पना रूप […]

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बढ़ापे के हालात दर्शाने का एक प्रयास मैंने उसे रुक-रुक कर चलते हुए देखा है, उम्र ज्यादा होते हुए भी झुककर चलते देखा है, लगा जैसे उसे किसी बोझ ने दबा रखा हो, मैंने उसे हर दो कदमों में ठहरते हुए देखा है, मन में आँसू छुपा कर उसे दिल […]

कभी  कभी मुस्कुरा भी दिया करो यारों, चेहरे  पर उदासियां अच्छी नहीं लगती । माना  गम  बहुत  है  इन  राहों  में  मगर, जिंदगी में मायूसियां अच्छी नहीं लगती। उदासियां  थामती  है निराशा का दामन, और  मायूसियां  घोर  अंधेरे फैलाती है । मगर  मेरे  यार,  चेहरे की मुस्कुराहट तो, अमावस की […]

रूप लावण्य और संस्कारों की धनी रूपा ने जब अपने यौवन में कदम रखा तो उसके मन में अनेक सुनहरे सपने खिलने लगे । सदा खिलखिलाती रूपा – अक्सर गुनगुनाती रहती थी – वो सुबह कभी तो आएगी … ! कई बार जानकर भी अनजान बनते हुए मैने उससे पूछा […]

कुछ ख़ास नहीं  बस दिल  करता  है, तेरे संग जीने मरने का मन करता है। जब सामने तेरा चाँद सा मुखड़ा, आँखे नीली सागर सी। होंठ तेरे एक शराब का प्याला, तू लगती मधुशाला सी। कुछ ख़ास  नहीं  बस  दिल  करता है, तेरे संग जीने मरने का दिल करता है। […]

  मेरे महबूब ! तुम्हारी ज़िन्दगी में हमेशा मुहब्बत का मौसम रहे… मुहब्बत के मौसम के वही चम्पई उजाले वाले दिन जिसकी बसंती सुबहें सूरज की बनफ़शी किरनों से सजी हों… जिसकी सजीली दोपहरें चमकती सुनहरी धूप से सराबोर हों… जिसकी सुरमई शामें रूमानियत के जज़्बे से लबरेज़ हों… और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।