माँ मुझको दे विदा तिलक, अब,सीमाओं पर जाना है। आतंकी और शत्रु वतन के, फिर गद्दारी वंश मिटाना है। जन्म जुस्तजू तेरे आँचल मे, जगती अभिलाषा सीमा पर। जब  तक श्वाँस चलेगी ,मेरी, मै,डटा रहूं निज सीमा  पर। वैज्ञानिक बनकर न जाऊं, चन्द्र ,ग्रहों की  खोजों पर। नहीं विमान  उड़ाना  […]

मुझे मौन के काँधे रखकर सर, बस सोना है सो जाने दो। सुनो,धैर्य के कोमल पुष्पों को, मत मेरे लिए मुरझाने दो।। अभिलाषा की किरणों को, भाग्य तुम्हारा सजाने दो।। इस पथ की धूमिल मिट्टी मैं, अब चंदन सा हो जाने दो।। मैं धरा की बेटी ही तो हूँ, अब […]

अनुराग भरा जिस जीवन में होता भावों का संचार वहीं तब रिश्तों की बगिया महकेगी जब अनुराग भरा हो जीवन में है धन्य धरा वो ही केवल जहां हर पल उपवन खिलते हैं हाथ पकड़लें एक दूजे का हम कभी किसी का बुरा न हो चाहे हो राहें कठिन कितनी […]

किसे याद न होगा आज से लगभग पांच वर्ष पूर्व उस समय  भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान में केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘एक समय भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। आधुनिकता की चकाचौंध में सबकुछ खो गया है। मैं कहना चाहता हूं कि सबसे ज्यादा क्षति […]

    कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा के इस बयान पर तलवारें खिंच गई हैं कि ‘कांग्रेस के बारे में प्रधानमंत्री मोदी जिस प्रकार के अनर्गल आरोप लगा रहे हैं, वह उनकी बीमार मानसिकता प्रतीक है’। केन्द्रीय कानून मंत्री […]

करम करे न करे हमपे ये है काम उसका दिल पुकारता है हर घड़ी बस नाम उसका ========================== दस्तक जब भी होती है मेरे दरवाज़े पर मैं समझता हूँ आया है कोई पैगाम उसका ========================== न आया है वो और न ही कभी आएगा फिर भी है इंतज़ार सुबह – […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।