माँ मुझको दे विदा तिलक, अब,सीमाओं पर जाना है। आतंकी और शत्रु वतन के, फिर गद्दारी वंश मिटाना है। जन्म जुस्तजू तेरे आँचल मे, जगती अभिलाषा सीमा पर। जब तक श्वाँस चलेगी ,मेरी, मै,डटा रहूं निज सीमा पर। वैज्ञानिक बनकर न जाऊं, चन्द्र ,ग्रहों की खोजों पर। नहीं विमान उड़ाना […]