जो करते थे शब्दों से प्यार वो कवियों के सरताज रच कर इतिहास चले छोड़ हमारा साथ चलें सुनकर जिनके अल्फाज बढ़ जाता मन में विश्वास अपने शब्दों के जादू से जो करते हर एक दिल पर राज ऐसे कवि थे श्री गोपालदास शांत छवि मधुर मुस्कान सदा याद रखेगा […]

इन्फोसिस के विशाल सिक्का कहते हैं कि अनिश्चितता से घबराकर कई इंसान नए कदम उठाना बंद कर देते हैं। सफलता पाने वाला व्यक्ति कभी भी अनिश्चितता से नहीं घबराता। करियर में सफलता के लिए आपको नई जिम्मेदारियां लेने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। इससे आपको अनुभव मिलता है जो […]

*विधा-मनहरण घनाक्षरी* नभ पर घटा छाई देख के धरा मुस्काई डोले डाली झूम झूम सभी मिल गा रहे। खुशियों की वर्षा आई प्यास धरा की बुझाई पवन जी पंखों पर बारिश को ला रहे । चारों ओर हरियाली हर्षित किसान माली आया सुहाना मौसम  सब जन आ रहे। गरमी का […]

नज़ाकत-ए-जानाँ1 देखकर सुकून-ए-बे-कराँ2 आ जाये चाहता हूँ बेबाक इश्क़ मिरे बे-सोज़3 ज़माना आ जाये मुज़्मर4 तेरी अच्छाई हम-नफ़्स मुझमे, क़िस्मत मिरी लिखे जब तारीख़े-मुहब्बत5 तो हमारा फ़साना आ जाये माना हरहाल मुस्कुराते रहना है रिवायत-ए-जवानी6 जुस्तजू इतनी दौर-ए-ग़म7 में रिश्ते निभाना आ जाये बे-लिहाज़8 बस्ती में हो चला मतलब-आश्ना9 हर कोई भरोसा रखने से बेहतर दर्द-ए-बेकसी10 भुलाना आ जाये […]

सुबह सुबह तुम श्रंगार सजा कर, कोमल फूलों को क्यों चुनती हो। शुर्ख गुलाबी साड़ी में तुम युवती, फूलों से ज्यादा कोमल लगती हो। सँभल सँभल कर तुम चुनना , इन नन्हे नन्हे कोमल फूलों को। पौधा भी जलता तुमसे सोना, ध्यान तुम्हें है रखना आहत न हो। एक बात […]

प्रखर प्यास अंतर में भरकर गुज़र रहा जीवन, हाथ गहा न किसी ने हँसकर गुज़र रहा जीवन! प्यासे लोचन प्यासी धड़कन प्यासी उर की चाह, बना प्यास का उद्गम अंतर गुज़र रहा जीवन! मिली नहीं सौन्दर्य कुमारी मुझको सपने में, केवल रूप-पुजारी बनकर गुज़र रहा जीवन! प्यारा यौवन अब ढलान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।