आज जिधर देखो राजनीति और राजनेता दोनों का स्तर ऐसे गिर रहा है जैसाकि किसान की फसल आने पर बाजार का भाव।स्वाभिमान की तो बात ही छोड़ दीजिए। एक शास्त्री जी का समय था कि उन्होंने कभी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया। परिवार की जिम्मेदारी हो या देश की […]
लघुकथा
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