प्रकृति के निर्माण में स्त्री और पुरूष दोनों का बराबर योगदान हैl चाहे मनुष्य हो,पशु-पक्षी हो या कोई भी जीव हो,हर जीव की सभ्यता का सृजन स्त्री और पुरूष दोनों की सहभागिता से संभव हुआ है,इसलिए किसी को भी कम आँकना बेमानी होगीl धर्म ग्रंथों में स्त्री और पुरूष […]

(इंदौर में एक स्कूल बस हादसे पर) दोस्तों,कोई भी बड़ा हादसा या दुर्घटना होने के बाद कवायदें शुरू होती है कि जिम्मेदार कौन ? ? क्योंकि,इस घटना का ठीकरा किसी के सिर तो फोड़ना ही होता है। अन्वेषण,जांच-पड़ताल.. इस तरह ताबड़तोड़ शुरु होती है कि,दिखावा किया जाता है कि हमसे […]

गत दिवस राष्ट्रपति जी ने केरल उच्च न्यायालय के एक समारोह में न्याय को जनता की भाषा में लाने के पक्ष में आवाज बुलंद करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय अंग्रेजी में निर्णय देते हैं लेकिन जो लोग अंग्रेजी को अच्छे से नहीं समझ पाते,उनके लिए न्यायालयों द्वारा स्थानीय भाषाओं […]

सामान्यतया चिंता किसी भी प्रकार के कार्य के सफल होने में,पूरा होने में शंका होने पर होती है। सफलता मिलने की शंका जब ही होती है,जब प्रयास में कमी रह जाती है। बच्चों की पढ़ाई को लेकर, खान-पान को लेकर,संस्कारों को लेकर, बिगड़ गई आदतों और संगत को लेकर, शादी […]

देश में बाघों की लगातार कम होती संख्या सरकार और पशुप्रेमियों के लिए चिंता का विषय है। कभी लोगों के बीच अपनी दहाड़ से दहशत पैदा कर देने वाले बाघ आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। आज केवल बाघों की आठ में से पांच प्रजाति ही बची है। वर्ल्ड […]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अचानक हिंदी और भारतीय भाषाओं की याद आई,यह जानकर मेरा हृदय प्रसन्नता से भर गया। हमारे महान वैज्ञानिक प्रो. सत्येंद्रनाथ बोस की १२५ वीं जन्म-गांठ पर बोलते हुए मोदी ने विज्ञान और स्वभाषा के संबंधों पर अपने विचार व्यक्त किए। ऐसे विचार मेरी याद में आज […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।