कविता में संवेदना और प्रेम की नदियाँ बहती है | सच्चा कवि-रचनाकार वो है जो किसी भी स्थान या जगा की परवाह किये बिना कविता की रचना करने में ही रस होता है | कितने लोग कविता पढने की टालते है | किसी को कभी कभी कविता सुनने में भी […]

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दो दिवसीय भोपाल प्रवास नेे  महागठबंधन की सियासत के पारे को काफी परवान चढ़ा दिया है। उन्होंने बिना लाग-लपेट के जो कुछ कहा उसका उद्देश्य यही था कि सपा मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की इच्छुक है और […]

बालक को गृहदीपक या कुलदीपक बनाना हो तो उसकी इच्छानुसार चलने नहीं देना। दीपक अर्थात् प्रकाश करने वाला, किन्तु जलाने वाला नहीं। कुलदीपक अर्थात् कुल को प्रकाशित करने वाला, किन्तु कुल को जलाने वाला नहीं! इसलिए बालक में सुसंस्कार डालो। अमुक धर्म-क्रिया तो करनी ही चाहिए, ऐसी आज्ञा भी करो। धर्म की आज्ञाओं […]

कचहरी में टंकण करते-करते कोई हिन्दी कविताओं की तरफ मुड़कर हिन्दी माँ का लाड़ला नीरज बनकर माया नगरी बम्बई में हिन्दी कविता को सर्वोच्च सम्मान दिलवाता है, और प्रेम के तरानों के साथ शोखियों में घोलता हो प्रेम गीतों का राग उस अल्हड फ़क़ीर और उच्च कोटि के दर्शन का […]

सतपुड़ा की रानी निखर उठती है जब मेघ डेरा जमाते हैं पर्वतश्रृंखला पर। एक दो बरसात के बाद व्ही-फॉल की जवानी लौट आती है। बस सनसेट पाइंट उदास हो देखता रहता है दूर बादलों की धींगा मस्ती। लगता है गीली लकड़ियों को सुलगा दिया है और धुआँ चित्र विचित्र आकृतियों […]

सियासत का खेल भी अजीब निराला है, परिश्रमी कार्यकर्त्ता आसन में और नेता सिंहासन में बैठते है। वह भी भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में जहां तंत्र के पहरेदार लोकनीति के दुहाई देते नहीं थकते। वहां उन्हीं के सिपहसालार दुखडा रोते दिखाई देते है कि अब हमारी पूछ-परक कम हो गई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।