ज़िंदगी की राहों में, अवरोधक व्यवधान बहुत हैं.. हैं मुश्किलें-परेशानियां, मगर समाधान बहुत हैं …। हम बे-खौफ चलते जाएँ,राहे मंज़िल की तरफ सपने संजोए हैं अनेक, दिल में अरमान बहुत हैं…! वक्त ही सिखाता है, ज़िंदगी का सबक हमें .. गैर तो गैर हैं अपने भी,अपनों से अंजान […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
(वज़्न- 221,1222, 221,1222, अरकान-मफ़ऊल, मफ़ाईलुन,मफ़ऊल, मफ़ाईलुन रदीफ़-नहीं होता क़ाफ़िये-इज़हार, दिलदार,इक़रार,परिवार, सरदार,एतबार,इनकार, सरकार) ________::: क्यों प्यार वफ़ा का अब इज़हार नहीं होता, अब यार बहुत हैं पर दिलदार नहीं होता। ये दौर अजब-सा है, आया है समझ में कम, इक दूजे से मिलते हैं, इक़रार नहीं होता। खो जाते खुदी में […]