प्यार की कब मिटी कहानी है, पास अब भी तिरी निशानी है॥ प्यार कुदरत से’ कर लिया जब से, हर लम्हें में दिखे जवानी है॥ आज खत में दिखा तिरा चेहरा, रूह अब भी तिरी दिवानी है॥ बूँद पानी-सा’ बन गया जीवन, संग तेरे ही यह रवानी है॥ ये शमाँ […]
काव्यभाषा
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