न हिजरत कर…… न आँसू बहा, अगर करना है कुछ,तो बस इंकलाब ला। ये सिस्टम है……नामर्दों का, जरूरत है जवानों की,अब जाग जा.. अब जाग जा। यहाँ बिकती है कुर्सी,यहाँ शासन लुटेरों का, ये पहुँचे हैं यहाँ तक,बेच कर अपना ईमां न हिजरत कर……. न आँसू बहा.. अगर करना है […]

हे सखी,गजरा ये कहाँ से लाई, जो अपनी लटों में है तूने उलझाई। कितना सुंदर,कितना प्यारा गजरा, कितना सुंदर,डाला तुमने आंखों में कजरा। ये महकता गजरा,ये बहकता कजरा, बनाता है तुम्हारे रंग-रूप को सुनहरा। ए सखी एक गजरा मुझे भी दिलाना, मेरे भी रूप को यूँ ही गजरे व कजरे […]

तुमसे ही चलती हैं साँसें,तुम जीवन का आधार प्रिये, तुमसे ही जगमग जीवन है,तुम प्राणों का संचार प्रिये। तुम आओ जीवन में मेरे,मैं मानूँगा उपकार प्रिये, तुम तक ही सारा जीवन है,तुमसे ही ये संसार प्रिये। तुम बूंदें हो,तुम ही बादल,तुम ठंडी एक फुहार प्रिये, तुम तक ही सब रिश्ते […]

निज तप से शिव को प्रसन्न कर शिवलिंग ले लंकेश चला। हरि प्रेरित माया से लिंग रख रावण दिशा निवेश चला॥ लघुशंका से हो निवृत्त जब लिंग लगा उठाने वह। सारी शक्ति लगा दी लेकिन किंचित भी न लिंग टला॥ कहलाई वह भूमि देवधर सती हृदय की राशी का। मनोकामना […]

मन में उमड़ते-घुमड़ते अनकहे शब्दों को मसल डालो, गूंथ डालो कुम्हार की गीली माटी की तरह, और चढ़ा दो मन की चाक पर रचने के लिए नित नए बर्तन, खिलौने देते हुए संदेश सकारात्मकता तथा मानवता का ताकि, बचा सकें खुद को अनचाही,अनकही थकान से।           […]

आ भी जा पास अब मेरे मोहन। अब  तुझे  टेरने  लगा है   मन॥ रात  काली डरा रही है हमें। बिन तुम्हारे नहीं कटे जीवन॥ राधिका आ  बसो  भवन मेरे। है सुहाना बड़ा सुघड़ आँगन॥ वक्त  करवट बदल रहा है यूँ। ग्रीष्म के बाद आ गया सावन॥ सांवरा बस रहा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।