माँ शारदे माँ सरस्वती मेरी कलम में ऐसी धार दे, लिख सके सच्चाई जो मुझे ऐसा अनमोल उपहार दे। बलिदानियों  के त्याग गाथा को सच्चा यशगान दे, देशद्रोहियों की गोली खुद उनके सीने के पार दे। माँ शारदे माँ सरस्वती मेरी कलम…॥ राह कठिन हो अगर डगर की,उसे सुगम बना […]

चलो सजन कहीं दूर चलें, पलकों में मीठा स्वप्न पले मन-मयूर हर्षित हो जाए, कोयल मीठा गीत सुनाए। नील गगन की छाँव तले, पलकों में मीठा स्वप्न पले। धरा-गगन मिल जाते हों, सब राग प्रेम का गाते हों। अधरों पर केवल मुस्कान खिले, पलकों में मीठा स्वप्न पले। राग-द्वेष का […]

याद किया फिर सावन में, उस अलबेले साजन ने।  मंद पवन के झोंकों में,  इन काले-काले मेघों ने।  इन रिमझिम-रिमझिम बूँदों में,  इन खिलते-खिलते फूलों ने।  यह सुगंध तन श्रंगार भरी,  यह सजनी साजन द्वार खड़ी।  मौसम की यह अंगड़ाई,  देख सखी सावन आई।             […]

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मर्यादा के गढ़ गिरे,मानव हुआ स्वतंत्र। रिश्ते नाते भूलकर,जपे स्वार्थ का मंत्र ll मानव की कीमत नहीं,मँहगा हुआ पदार्थ। भौतिकता के बोझ में,दबा हुआ परमार्थ ll वातायन गायब हुए,घर-घर हुआ उदास। गौरैया ने कर लिया,घर के बाहर वास ll हाँफ रही है ज़िंदगी,हुआ तवे-सा गाँव। कुछ रुपयों में बिक गई,वट,पीपल […]

न कहीं धूप,न कहीं अब छाँव है,  दिख रही  रिमझिम फुहार है।   बगीचे तले डाली-डाली फूल झूमे, आपस में लिपट-लिपट गाल चूमे.. तितलियाँ रँगीली इधर-उधर घूमे, डालियाँ लताएं भी सारे गम भूलेl    क्यारियों में डूबे जहाँ सूखे पाँव है, वहीं दिख रही रिमझिम फुहार है।   सड़कों पर […]

होकर भुजंग ने दंभ ग्रस्त,राजा के पैर में काट लिया, राजा पल भर ही तड़पा,विष ने जीवन को घेर लियाl वो राजा कोई और नहीं,वो तेज प्रतापी परीक्षित था, जो गर्भ में मरकर भी साथी श्रीकृष्ण कृपा से जीवित थाl लेकिन वो सर्प था दंभ ग्रस्त,अपने विष में वो बड़ा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।