–वह आज राकेश को कोठी पर मैडम जी के पास लेकर जाएगी वही कुछ समझाएंगी तो ठीक रहेगा. दसवीं में फेल क्या हुआ पढ़ाई  छोड़कर बैठ गया..आवारा दोस्तों में उठ बैठकर ढीठ सा हो गया है.. सुमन खटिया पर लेटे-लेटे इसी उधेड़बुन में थी. तभी ऊंघता हुआ सोहन पास आकर […]

दुनिया की उलझन में पड़कर, सब ताने बाने बदल गये हम तो वैसे के वैसे रहे, पर दोस्त पुराने बदल गये। ये बात नही परिवर्तन की, ये तो सब समय का झोंका है बस मौत ही सच्चा साथी है, ये जीवन बस इक धोखा है।। इक सुख पाने की चाहत […]

हंसता बस मुखड़ा है भाई भीतर सब दुखड़ा है भाई। हीरा समझ सम्हाले रक्खा कोयले का टुकड़ा है भाई। समय बुलबुला पानी का है कब किसने पकड़ा है भाई । इश्तहार से या नारों से किसका क्या उखड़ा है भाई अवतारी कहते थे जिसको वह भी बस फुकरा है भाई […]

मैं नन्ही कली नादान बनूँ तो सबका दिल बहला दूँगी मैं ममता तज काली रूप धरुँ तो ब्राह्मण्ड को दहला दूँगी मेरी अरज सुनो एक अवसर दो बेटी की क्या गरिमा जग में ये सबको मैं बतला दूँगी अपनेपन का अहसास रखूँ मैं खुद पर ये विश्वास रखूँ खुश रहूँ […]

शोक प्रस्ताव विश्व हिन्दू परिषद् के पूर्व अध्यक्ष श्री विष्णु हरि डालमियां के निधन से सिर्फ विहिप ही नहीं सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एक अपूर्णीय क्षति हुई है. अपने शोक प्रस्ताव में विहिप अध्यक्ष श्री विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा है कि श्री डालमियां सरलता, सक्रियता, सौम्यता व दृढ़ता के […]

अगर भूख कौम के रास्ते आती है तो रोटी का भी कोई धर्म बता दो आप धनाढ्य हैं,आप बच जाएँगे खेतिहरों का भी कोई साल नर्म बता तो दिल्ली की बाँहों में हैं सब रंगीन रातें किसी मल्हारिन का भी चूल्हा गर्म बता दो बेटियों से ही सब उम्मीद की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।