बात उन दिनों की है जब मैं स्कूल में पढ़ता था।मेरा एक दोस्त जो मेरे साथ ही पढता था। उसे साथ लेने मै अक्सर उसके घर जाया करता था। चूँकि स्कूल दूर थी,और रास्ते सूनसान होते थे तो हम दोनो एक दूसरे को साथ लेकर ही जाते थे । एक […]

माना कि मैं दूसरी थी, पर कृति तो माँ तेरी थी। याद है मुझे वो पैना औजार , जो मेरी कोमल सी देह को छुआ, और मैं डर कर सिकुड़ सी गई, मैं डर रही थी, ढूंढ रही थी तुम्हें, चाहती थी अपने दोनों हाथों में, समेट लो, सहेज लो […]

सतरँगी पतंग सी खुशियां जीवन मे छा जाएं। प्रेम की डोरी बढ़ती बढ़ती आसमां की बुलन्दी पाए। दमके सूर्य मकर रेखा में दिन का समय बढ़ाये मीठी लड्डू गुड़ तिल सा जीवन मधुर बनाएं। गतिमान ये जीवन परिवर्तित हरपल रहता है, रुको नही पथिक आगे बढ़ो चढ़ता सूरज कहता है। […]

क्या महागठबंधन तय करेगा देश की दिशा? आज कल देश के सभी छोटे बड़े टेलीविज़न चैनलों पर हो हल्ला होता हुआ दिखायी दे रहा है जोकि चुनावी मौसम के अनुसार आम बात है। क्योंकि, देश का वातावरण चुनावी मौसम में परिवर्तित हो रहा है। लगभग देश की सभी छोटी बड़ी […]

एयर कंडीशन में बैठकर जंक फूड खाते खूब बागों के झुरमुट से रहे सदा अंजान से। लिखते कविता जरूर मगर कविता होती गद्य कभी खेतों में पांव न रखा रिश्तों से रहे विरान। लंदन में बैठकर कविता करते नहीं है कोई ज्ञान ये तो पैसे वाले हैं भला क्या जाने […]

मन की प्रवृति शान्ति फिर क्यों रहते अशांत एक जरा सी ठेस से क्यों हो जाता संताप जो बिछाये राह मे पत्थर शुक्रिया उसका कीजिए उन पत्थरो से कामयाबी जीवन मे पैदा कीजिए मुश्किलों की दीवारे भी राह न रोक पाएगी शांत स्वरूप मे अगर रहे मंजिल शीघ्र मिल जायेगी! […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।