बेंगलूरू। थाई- भारत कल्चर बैंकॉक में 9 और 10 जून को भारत थाई संस्कृति लॉज थाईलैंड हिंदी परिषद एवं  भारत के साहित्य संचय और संस्थान के संयुक्त तत्वधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य महोत्सव बैंकॉक-थाईलैंड 2023 में बेंगलुरु से कवयित्री, साहित्यकार व हिंदी विभाग की वरिष्ठ  अध्यापिका पुष्पा त्रिपाठी “पुष्प” […]

इन्दौर। श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति, इंदौर द्वारा “साहित्यिक समीक्षा” पर केंद्रित एक और नियमित आयोजन प्रारंभ किया जा रहा है इसमें प्रति माह के अंतिम शनिवार को किसी एक “चर्चित पुस्तक” पर चर्चा संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। शोधार्थी, पाठक और साहित्यकारों के बीच होने वाली इस बौद्धिक चर्चा […]

नई दिल्ली। बीस भाषाओं में युवा पुरस्कारों के लिए साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में 20 लेखकों को साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार 2023 के लिए अनुमोदित किया। युवा पुरस्कार 2023 के लिए हिन्दी भाषा के लिए अतुल कुमार रॉय के […]

इन्दौर। एक बेटी का पिता हमेशा दुनिया को बेहतर करना चाहता है, क्योंकि उसकी बेटी को भी इसी दुनिया में रहना है। यह बात वरिष्ठ साहित्यकार पंकज सुबीर ने कही। शनिवार को वामा सदस्यों ने पुत्रियों के लिए लिखी पुस्तकों पर चर्चा कर पितृ दिवस मनाया। आयोजन में मुख्य अतिथि […]

माँ की अनुभूति माँ बनने के बाद ही महसूस होती है- डॉ. पद्मा सिंह इंदौर। माँ के लिए माँओं ने अपनी शाब्दिक आदरांजलि साझा संग्रह “माँ“ पुस्तक में कविताओं के माध्यम से व्यक्त की। इंदौर लेखिका संघ की सचिव मणिमाला शर्मा द्वारा संपादित एवं संस्मय प्रकाशन द्वारा प्रकाशित संग्रह में […]

भाषा से होता व्यक्तित्व निर्माण – राकेश शर्मा इंदौर, 12 जून । जीवन में भाषा का बड़ा महत्व होता है। भाषा व्यक्तित्व का निर्माण करती है। यह बात हिन्दी मासिक वीणा के संपादक श्री राकेश शर्मा ने कही। वे सोमवार दोपहर कर्मचारी राज्य बीमा निगम आदर्श चिकित्सालय एवं व्यावसायिक रोग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।