जिसने हमें जन्म दिया, उसका मानें हम उपकार। वह माँ धरा पर है न्यारी, उसे बार-बार करुं प्रणाम। माँ के रूप में देवी है वो, दुख घनेरे सहती है जो। सदा भला वह चाहने वाली, ममता की अदभुत मूरत है वो। मैं नवाजूं चरणों को उसके, चरणों मे उसके है […]

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान इतना मशगूल है कि, उसे पैसे कमाने के अलावा कोई और काम समझ नहीं आता है। यहाँ तक कि,खाने-पीने से लेकर, अपने बच्चों,अपने परिवार में भी इसीलिए उलझा हुआ है। आज समाज अमीर और गरीब दो भाग में बंट गया है, आज अमीर […]

(श्रीमदभागवदगीता के द्वितीय अध्याय ‘सांख्य योग’ का काव्यात्मक भावानुवाद) हे अर्जुन ! क्यों बैठे हो डरकर ? मोह-माया में फँसकर, कौन है तेरा अपना,कौन है पराया ? सबको एक दिन जाना है,जो भी यहाँ आया, तेरे उत्सुक नयनों पर,अज्ञान का पर्दा छाया। तोड़ दो मोहमय बन्धन। क्षण भर का है […]

श्रीमद्भगवतगीता की अद्वितीय व्याख्या यथार्थ गीता मानव मात्र का धर्मशास्त्र है। भारत में प्रकट हुई गीता विश्व मनीषा की धरोहर है। भारत सरकार को चाहिए कि,यथार्थ गीता को भारत का राष्ट्रीय धर्मशास्त्र घोषित कर दिया जाए। यथार्थ गीता को राष्ट्रीय शास्त्र का मान देकर ऊँच-नीच, भेदभाव तथा कलह परम्परा से […]

‘कौन हूँ मैं’???,कितनी सहजता से हम इसे यत्र-तत्र चिंतन के विषय रूप में प्रस्तुत कर देते हैं। सत्य तो यह है कि, ये विषय है ही नहीं,अपितु ऐसा यक्ष प्रश्न है जिसका उत्तर तलाशते-तलाशते सदियाँ ही नहीं,अपितु न जाने कितने युग बीते हैं। कहते हैं कि जो इस प्रश्न का […]

छोटी-छोटी बच्चियां हाथों में उपहार और माथे पर रोली का टीका लगाए घर-घर में जिमाई जा रही हैं। देवी की कृपा मिले, इसलिए हर कोई इन्हें आग्रह करके भोजन करवा रहा है,पूजन कर रहा है।मुझे याद आता है मेरा बचपन जब में भी इसी तरह कन्या के रुप में जाया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।