अंतरद्वंद

1
0 0
Read Time1 Minute, 44 Second
megha yogi
बू अराजकता की फैली,मंद क्यों करते नहीं हो;
सच गलत का खुद ही अंतर द्वंद क्यों करते नहीं हो!!
लुट रही जब बेटियों की आबरू हर इक गली में;
जम गया क्या रक्त,भारत बंद क्यों करते नहीं हो!!
जो जला दे दिल में ज्वाला,गूँज से कप जाये अंबर;
आज उठ कर ऐसा सुरभित छंद क्यों करते नहीं हो!!
निम्न होती मानसिकता औ मनुजता खो गई है;
ऐ युवा खुद को विवेकानंद क्यों करते नहीं हो!!
हिंदु मुस्लिम राजनीति,धर्म पर नारे लगाते;
काम इनसे आके बाहर चंद क्यों करते नहीं हो!!
द्वेष ईर्ष्या छल कपट का अब दिलों पर राज “मेघा”;
गैर की खुशियों में भी आनंद क्यों करते नहीं हो!!
#मेघा योगी
परिचय:
नाम-मेघा योगी 
साहित्यिक उपनाम-मेघा 
वर्तमान पता- गुना 
राज्य-मध्य प्रदेश 
शहर-गुना 
शिक्षा-Bsc biotechnology PGDCA 
कार्यक्षेत्र-विद्यार्थी 
विधा -गीत,गजल,मुक्तक,छंद,लेख,लघुकथा,कहानीआदि
मोबाइल/व्हाट्स ऐप – 
प्रकाशन-देश की ईपत्रिकाओं सहित विभिन्न पत्रिकाओं एवं अखबारों में समय समय पर रचनाओं का प्रकाशन,साझा गजल संग्रह गुंजन 
सम्मान-अंतरा शब्द शक्ति सम्मान 
ब्लॉग-
अन्य उपलब्धियाँ-
लेखन का उद्देश्य -माँ हिंदी की सेवा कर आत्मसंतुष्टि को प्राप्त करना 
 

Arpan Jain

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

One thought on “अंतरद्वंद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

गुरू तुम महान हो 

Sat Apr 28 , 2018
गुरु तुम महान हो, अमृत गुणों की खान हो। तरुण तुम प्रतीक तुम, गुरु पुष्पदंत समान हो। ज्ञानी तुम त्यागी तुम, हृदय विशाल हो। भाग्य तुम भविष्य तुम, भूत वर्तमान हो। भक्ति तुम शक्ति तुम, तुम प्रभु समान हो। तेज तुम शीतल तुम, तुम प्रकाशवान हो। वीर तुम धीर तुम, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।