सिद्धांत

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gourav nayak
जैसे कविता में तुकांत चाहिए,
आदमी में भी सिद्धांत चाहिएl
होना है जरुरी प्रखर तुम्हारा,
राहे मन्ज़िल में मन शांत चाहिएl
तेरा चेहरा तेरी पलकें तेरे लब तेरी आँखें,
ये जब भी याद आते हैं,तो बहती हैं मेरी आँखेंl
तू तन से न सही आज भी,पर तू मन से है मेरी,
ये तू खुद नहीं कहती,कहती हैं तेरी आँखेंll
इतिहास बदलने को हमको,इतिहास रचेता बनना होगा,
पराक्रम और शौर्य दिखलाकर,हमें विजेता बनना होगाl
और प्रजातंत्र की लाज बचाने,भ्रष्टाचारी दीमकों से,
देकर फाँसी बेईमानों को,सच्चा नेता बनना होगाll
आगे जीवन के पथ पर तन्हा मैं बढ़ना नहीं चाहता,
बुलंदियाँ शोहरतों की तुम बिन मैं चढ़ना नहीं चाहताl
ये मेरा साज़ भी तुम हो ये मेरा अहसास भी तुम हो,
बिना तुम्हारे स्वप्न जीवन के मैं गढ़ना नहीं चाहताl
इश्क़ उससे है बेहद मुझे उस रोज़ से,
वो हंसा था देखकर मुझे जिस रोज़ सेl
इश्क़ दिल ही दिल में पर हो गया दफ़न,
देखा गैरों के संग उसे जिस रोज़ से।
                                                                          #गौरव कुमार नायक
परिचय : गौरव कुमार नायक(नायक बेवफा) उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर में सिविल लाइन्स में रहते हैंl आप वर्तमान में बीए में अध्ययनरत हैंl लिखना आपकी रूचि हैl 

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