लिहाज़ का पर्दा

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लिहाज़
एक झीना सा
पर्दा ही तो है
जिसके सहारे
हम-आप
अपना असली चेहरा
छुपाते फिरते हैं
यह सोच कर-
कोई देख नहीं रहा।
भलाई भी
इसी में है-
यह पर्दा
कायम रहे
वर्ना हकीकत
सरेआम
जो हो जाएगी।

अर्द्धेन्दु भूषण

इन्दौर, मध्यप्रदेश
लेखक वर्तमान में दैनिक प्रजातंन्त्र के सम्पादक और स्तम्भकार है।

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