इधर अपने देश में गोरक्षा को लेकर लोग मारे जा रहे हैं, उधर इजराइल में रहस्यमयी लाल बछिया के जन्म के बाद दुनिया के अंत की आशंका से दहशत है। बताया जाता है कि यहूदियों के देश इस्राइल में इस लाल बछिया ( रेड हेफर) का अवतरण 2 हजार साल […]

1

जब-जब राजनीती अपने खोखले अभिमान और दम्भ के कारण राष्ट्र में जातिगत भेद कर करके राष्ट्र का विखंडन करने की सोचेगी, तब-तब राष्ट्र की नस्ले प्रभावित भी होगी और राष्ट्र विखंडन के नित नवीन रास्ते खोज निकलेगी। आज़ादी के बाद जब देश के संविधान के निर्माण के दौरान आरक्षण व्यवस्था […]

बरसों से जिस दस्यू मानसिकता के चलते अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार हुए उनसे उपजी हताशा और निराशा को कम करने देश के संविधान ने उन्हें कुछ विशेष सहुलियतें दी। आजादी से पहले गुलामी के जिस दर्द को हर भारतीय सहता था, आजादी मिलने […]

हमारे गांव में सुबह से ही लोगों का जमावड़ा लगा था,चुनावी प्रचार के सिलसिले में नेता जी आने वाले थे। उनके साथ कोई अदाकारा भी आएंगी! लोग आपस में चर्चा कर रहे थे। जिन लोगों ने कभी अपने गांव की कच्ची सड़कों पर मोटर कार नहीं देखा आज वो हेलीकॉप्टर […]

समाज के सुधार के पहले क्रम में जातिवाद के समूल नाश के आगे एक राष्ट्र -एक कानून और एक तरह के लाभ की बात रखी जाती थी, राजनीति की सदैव से मंशा तो तरफदारी की रही परन्तु इस बार अनुसूचित जाति,जनजाति की सबलता के लिए बनाये गए अधिकार और संरक्षण […]

नगरीय क्षेत्र बढ़ती अतिक्रमण समस्या पर जनसहयोग ही सार्थक पहल नगर की गंभीर समस्या अतिक्रमण जो नगर के विकास की गति को अवरुद्ध कर रही है जो नगर के सभ्रांत समाज की चकोर नजर से नजरअंदाज है। नगर की प्रमुख सड़को पर अतिक्रमण की घेराबंदी से प्रभावित होता व्यापार स्वयं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।