आशिके दिलफेंक जो बनते रहे, उनको भी वादा निभाना आ गया। हाथ जबसे थामा है जाना तेरा, अपने हाथों में खजाना आ गया। फुरक़ते-शब और तड़पाते हैं वो, नाज़ उनको भी दिखाना आ गया। क्यों हैं मैखाने में तेरे खामोशी, क्या तुझे हमको सताना आ गया। साया लहराया तेरी उम्मीद […]
काव्यभाषा
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