नन्हीं-सी बया आज तनिक-सी उदास है, तीव्र पवन के झोंके ने उसके रेन-बसेरे को, आज जरा झकझोरा है भय की सिहरन ने, उसको विकल किया फिर भी उसने, धैर्य नहीं खोया ज्यों ही मंद हुई, थोड़ी-सी बयार उसने फिर अपना, साहस संजोया मन की उमंगों को, पसीने से भिगोया चुन-चुन […]
काव्यभाषा
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